भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर का लगातार खराब प्रदर्शन का कारण क्या उनके प्ररेणास्त्रोत वीरेन्द्र सहवाग की अनुपस्थिति है। सहवाग कंघे की चोट के कारण वेस्टइंडीज दौरे पर नहीं जा पाए है। गंभीर ने टेस्ट मैचों में भी सहवाग के साथ पारी का आगाज करने पर ही अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने आक्रामक बल्लेबाज के साथ 23 टेस्ट मैचों की पारी की शुरूआत की और इनमें उन्होंने 59.42 की औसत से 2258 रन बनाये जिसमें छह शतक शामिल है। अब उन दो टेस्ट मैचों पर गौर करे जिनमें गंभीर तो खेले थे लेकिन सहवाग नहीं।
इन दोनों मैच की चार पारियों में गंभीर दोहरे अंक तक नहीं पहुंच पाए थे। इन चार पारियों में उनके नाम पर 13 रन दर्ज है। इनमें श्रीलंका के खिलाफ दिल्ली में 2005 में गंभीर ने पहली पारी मे दो और दूसरी पारी में तीन रन बनाये जबकि पाकिस्तान के खिलाफ 2007 में बेगलूर में वह पांच और तीन रन ही बना पाए। इन दोनों को भारत की सबसे खतरनाक सलामी जोडी भी माना जाता है और ये दोनों एक दूसरे की तारीफ करते हुए भी नहीं थकते है। सहवाग का मानना है कि गंभीर उनसे कही बेहतर बल्लेबाज है।
उनके शब्दों में मेरे हिसाब से वह सुनील गावस्कर के बाद भारत के सर्वश्रेष्ट सलामी बल्लेबाज है। दूसरी तरफ गंभीर मानते है कि भारतीय क्रिकेट में सहवाग से बेहतर कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि वीरू एकमात्र ऎसा क्रिकेटर है जिसके लिए मै अपना विकेट बलिदान कर सकता हूं। मै उनका बहुत बडा प्रशंसक हूं। मेरे हिसाब से वह सबसे खतरनाक बल्लेबाज है। आंकडो पर गौर करे तो साफ हो जाता है कि बाये हाथ के सलामी बल्लेबाजी गंभीर ने तब अक्सर अच्छा प्रदर्शन किया जब दूसरे छोर पर सहवाग खडे थे।
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