भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने युवा खिलाडियों को बेशुमार दौलत से भरपूर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के बजाय भारतीय टीम में जगह बनाने का घ्यान केन्द्रित करने की सलाह दी। गावस्कार ने कहा कि आईपीएल और उससे मिलने वाले पैसे की वजह से आजकल माता-पिता अपने बच्चों को क्रिकेट को बतौर कैरियर अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने है, लेकिन फिर्क की बात यह है कि अनेक युवा खिलाडी आईपीएल को ही सबकुछ मानते है। पूर्व ओपनर ने युवा खिलाडियों के आईपीएल से पहले खुद को चोटमुक्त रखने के लिए घरेलू क्रिकेट मैचों से खुद को अलग करने के रवैए को भी चिंताजनक बताया।
उन्होंने कहा अनेक खिलाडी आईपीएल से पहले खुद को चोट से मुक्त रखने के इरादे से घरेलू क्रिकेट खेलना छोड देते है। भारतीय टीम की कैप के बजाय आईपीएल को ही सबकुछ माना जा रहा है। इस लिहाज से हमें बहुत-बहुत सावघान रहने की जरूरत है। इस महान बल्लेबाज ने क्रिकेट प्रशंसकों को युवाओं को आईपीएल की आंघी में उडने से बचाने की सलाह दी। गावस्कर ने कहा स्थिति को संभालने की जरूरत की एक बडी वजह यह भी है कि 19 से 22 साल आयुवर्ग के खिलाडी लगत राह पर जा रहे है। इन युवा खिलाडियों को शोहरत और कामयाबी किसी दूसरी जगह ही ले जा रही है।
उन्होंने कहा कुछ साल पहले जब मै राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी का अघ्यक्ष था, तब मै ऎसे खिलाडियों के लिए परामर्शदाता या गाइड नियुक्त करना चाहता था। हमें दिलीप सरदेसाई जैसे खिलाडियों की जरूरत है। जिन्होंने वर्ष 1971 मे वेस्टइंडीज के मेरे पहले दौरे पर मेरा बहुत अच्छी तरह मार्गदर्शन किया था।
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